MoU between India and Iran

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Cabinet approves MoU between India and Iran for cooperation in the field of agriculture and allied sectors 

MoU between India and Iran

मंत्रिमंडल ने भारत और ईरान के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन के प्रस्तातव को मंजूरी दी

The Union Cabinet chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi has given its ex-post-facto approval fora the Memorandum of Understanding (MoU) between India and Iran for cooperation in the field of agriculture and allied sectors. 
The MoU was signed on 17th February, 2018 during the visit of the President of Iran to India.

The MoU provides for cooperation in the areas of agricultural crops, agricultural extension, horticulture, machinery, post harvest technology, plant quarantine measures, credit and cooperation. 


It also provides for cooperation in soil conservation and water management, integrated nutrients management, seed technology and agricultural marketing. Livestock improvement, dairy development, animal health and other fields as mutually agreed upon fall within the scope of this MoU. Cooperation will also be effected through exchange of experts, materials and information, exchange of trainees and scientists on study visits/training programmes, facilitation of relevant conferences and workshops and any other means as may be mutually agreed upon.

Under the MoU, a Joint Working Group (JWG) will be formed to monitor the activities carried out in fulfillment of this MoU. The JWG will hold its meeting alternately in India and Iran once in every two years. The MoU will be valid initially for a period of five years and will be automatically extended for a subsequent period of five years unless either party notifies the other party of its intent of terminating it.


IN HINDI

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ईरान के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए पूर्वव्‍यापी समझौता ज्ञापन के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। समझौता ज्ञापन पर ईरान के राष्‍ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान 17 फरवरी, 2018 को हस्‍ताक्षर किए गए थे।

समझौता ज्ञापन में कृषि फसलों, कृषि विस्‍तार, बागवानी, मशीनरी, फसल के बाद प्रौद्योगिकी, पादप संगरोध उपाय, ऋण एवं सहकारिता के क्षेत्रों में सहयोग का प्रावधान है। इसमें मृदा संर‍क्षण और जल प्रबंधन, समेकित पोषक प्रबंधन, बीज प्रौद्योगिकी, कृषि विपणन की भी व्‍यवस्‍था है। 
इस समझौते के दायरे में आने वाले आपसी सहमति से निर्धारित अन्‍य क्षेत्रों में पशुधन सुधार, डेयरी विकास, पशु स्‍वास्‍थ्‍य भी शामिल हैं। यह सहयोग विशेषज्ञों, सामग्री और सूचना के आदान-प्रदान, अध्‍ययन, दौरों/ प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर प्रशिक्षुओं और वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान, उपयुक्‍त सम्‍मेलनों और कार्यशालाओं की सुविधा तथा परस्‍पर रूप से सहमत अन्‍य उपायों के जरिए किया जाएगा।

समझौता ज्ञापन के अंतर्गत इसे पूरा करने में होने वाले कार्यकलापों की निगरानी के लिए एक संयुक्‍त कार्यदल गठित किया जाएगा। इस दल की बैठक प्रत्‍येक दो वर्ष में एक बार बारी-बारी से ईरान और भारत में होगी। समझौता ज्ञापन पहले पांच वर्षों के लिए मान्‍य होगा और उसके बाद अगले पांच वर्षों के लिए स्‍वत: ही इसका विस्‍तार हो जाएगा, जब तक कि एक पक्ष, दूसरे पक्ष को इसे समाप्‍त करने की अपनी इच्‍छा अधिसूचित न कर दे।

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